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मंत्री दीपिका पांडेय सिंह से झारखंड जनाधिकार महासभा ने की मुलाकात, सरकार से की ये मांग

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह से मुलाकात की। इस दौरान संगठन ने झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 में पेसा (PESA) के सभी जरूरी नियमों के अनुरूप संशोधन की मांग की। साथ ही इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। जानकारी हो कि ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव भी शामिल थीं। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने आश्वासन दिया कि वे सभी सुझावों पर ध्यान देंगी और इस प्रक्रिया को मिलकर आगे बढ़ाएंगी।

मंत्री को कराया अपनी मांगों से अवगत
बता दें कि प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री के सामने यह मुद्दा उठाया कि झारखंड पंचायती राज अधिनियम में पेसा के अनुसार कई महत्वपूर्ण प्रावधानों का अभाव है। पेसा के मूल कानून के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था का प्रावधान है, जिसमें आदिवासी समुदाय की स्वायत्तता और पारंपरिक स्वशासन को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन वर्तमान झारखंड पंचायती राज अधिनियम (JPRA) 2001 के तहत ग्राम सभा और पारंपरिक स्वशासन प्रणाली को लेकर कई प्रावधानों का अभाव है। जेपीआरए मुख्य रूप से पंचायत केंद्रित है, जबकि पेसा के अनुसार इसे ग्राम सभा केंद्रित होना चाहिए।ड्राफ्ट में मौजूद त्रुटियों की दी जानकारी 
वहीं, संगठन ने मंत्री को यह भी बताया कि पेसा नियमावली के ड्राफ्ट में कई गंभीर त्रुटियां हैं, जो आदिवासी स्वायत्तता और प्राकृतिक संसाधनों पर सामुदायिक अधिकारों को सुरक्षित नहीं करतीं। इसके अलावा, ड्राफ्ट में ग्राम सभा के सामुदायिक संसाधनों पर मालिकाना अधिकार का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पेसा नियमावली के ड्राफ्ट में कई प्रावधानों की व्याख्या वर्तमान कानूनों के संदर्भ में की गई है, जिससे पेसा के मूल उद्देश्य के विपरीत सामूहिक अधिकारों को सीमित किया जा रहा है।

झारखंड जनाधिकार महासभा ने मंत्री से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देने की अपील की:
1) पेसा के सभी प्रावधानों के अनुरूप झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 को संशोधित किया जाए।
2) पेसा नियमावली के ड्राफ्ट में सुधार किया जाए, ताकि यह पेसा कानून की मूल भावना के अनुरूप हो।
3) इस प्रक्रिया को आदिवासी समुदाय, पारंपरिक स्वशासन प्रणाली के प्रतिनिधियों और आदिवासी अधिकारों के संघर्षरत संगठनों के साथ मिलकर पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जाए।
4) झारखंड सरकार एक समिति का गठन करे, जिसमें आदिवासी प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हों, जो पेसा अनुरूप संशोधनों के सुझाव दें और छठी अनुसूची के स्वशासी परिषद के अनुरूप ढांचे का प्रस्ताव दें।

जानकारी हो कि इस मुलाकात के दौरान झारखंड जनाधिकार महासभा के सदस्यों ने चुनाव के दौरान किए गए वादों पर भी जरूरी कार्रवाई की अपील की। इसके अलावा स्थानीयता व नियोजन नीति को लागू करने की मांग की। इस मुलाकात में दिनेश मुर्मू, सिसिलिया लकड़ा, एलिना होरो, रिया तुलिका पिंगुआ समेत कई अन्य सदस्य भी मौजूद थे।

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